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1. आज भारत किसी भी क्षेत्र में दूसरे देश पर निर्भर नहीं है। मैं कल्पना करता हूं कि मेरे देश के सभी प्रमुख शहर पूरी तरह . से विकसित शहरों में बदल गए हैं। 2047 के भारत की महिला को सशक्त रूप में देखता हूँ, जिसे पुरुष के बराबर अधिकार प्राप्त हैं, जिसके साथ नौकरी में कोई भेदभाव नहीं किया जाता। 

2.मैं देखता हूँ कि 2047 में देश से जाति, धर्म व सम्प्रदाय के नाम पर कोई द्वेष नहीं है। 2047 के भारत की गलियों पर निकलने वाली हर लड़की बिल्कुल सुरक्षित है। मैं भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे स्थापित और विकसित अर्थव्यवस्था के रूप में देखता हूं।   
  

3.मैं भारत में चिकित्सा सुविधा को आम जनता तक आसानी से पहुंचता हुआ देखता हूं। 2047 के भारत का हर बच्चा शिक्षित होगा ऐसा मेरा दृष्टिकोण है, जो अवश्य ही सार्थक होगा। इसके लिए हम सबको अभी से प्रयास करने शुरू कर देने चाहिए। हमें आपसी भेदभाव भुलाकर आगे nor बढ़ने की आवश्यकता है। 
       

4.यदि हम एकता के साथ सशक्त होकर प्रयास करेंगे तो भारत निश्चित रूप से आत्मनिर्भर बनेगा और 2047 तक विश्वगुरु का खिताब अवश्य ही अपने नाम कर लेगा। "सबके साथ के साथ सार्थक हर प्रयास होगा, विश्वगुरु का खिताब भारत के ही पास होगा।"                                                                                                                                                                5.  हम सपना कैसा देखते है यह हम पर निर्भर करता है                                      , इसी तरह, हम 2047 के भारत की कल्पना कैसे करते हैं, यह तय करेगा कि हम अगले पच्चीस साल में क्या क्रांतियां अपनाएंगे।ताकि  भारत में गरीबी, बेरोजगारी, कुपोषण, भ्रष्टाचार और अन्य 






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